~~~~~~~~~~~ डोकरा ~~~~~~~~~~~
लइका पन मा खेले कूदे
मया म भुलाये जवानी
अब जिन्दगी पहा गे डोकरा
धर डरे हस गोटानि
बड़े बिहिनिया उठ के डोकरा
खोरोर खोरोर ते ख़ासे
बीड़ी ला पियत हस फुकुर फुकुर
बाद में कुकरा बांके
चहा बर जी ललचाये हे
बहू आगी नई बारे हे
खटर-पटर करत हे डोकरा ह
चूल्हा में मुँहू ताके हे
नहाये बर देखो डोकरा ह
तिपोय पानी ला मांगत हे
अब बड़बड़ाये तोर बहु ह
पानी बर गारी खाये हे
साग में मिर्चा जादा होंगे
डोकरा ल नई मिठाये हे
जम्मो दांत पहली के गिरगे
अब दिन पानी पी के पहाये हे
सुरता करत हाबय डोकरा
अपन डोकरी के मया ला
मया लगा के खवावय डोकरी
खीर सोहारी अउ बरा ला
घर ले निकलिस घुमे बर डोकरा
संगी मन सो बतियावत हे
छोड़ के जम्मो दुःख पीरा ला
संगवारी करा सुख पावत हे
संझिया कुन घर आ के डोकरा
अपन कुरिया म बइठे हे
नाती नतरा मन टीवी देखत हे
अउ बहू के मुँह ह अइठे हे
रतिहा कुन खा पी के डोकरा
सोये दसना म सुते हे
अउ अपन मन में सोचत हे
मोर दिन कब पुरे हे मोर दिन कब पुरे हे
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रचनाकार
रोशन पैकरा "मयारू"
लइका पन मा खेले कूदे
मया म भुलाये जवानी
अब जिन्दगी पहा गे डोकरा
धर डरे हस गोटानि
बड़े बिहिनिया उठ के डोकरा
खोरोर खोरोर ते ख़ासे
बीड़ी ला पियत हस फुकुर फुकुर
बाद में कुकरा बांके
चहा बर जी ललचाये हे
बहू आगी नई बारे हे
खटर-पटर करत हे डोकरा ह
चूल्हा में मुँहू ताके हे
नहाये बर देखो डोकरा ह
तिपोय पानी ला मांगत हे
अब बड़बड़ाये तोर बहु ह
पानी बर गारी खाये हे
साग में मिर्चा जादा होंगे
डोकरा ल नई मिठाये हे
जम्मो दांत पहली के गिरगे
अब दिन पानी पी के पहाये हे
सुरता करत हाबय डोकरा
अपन डोकरी के मया ला
मया लगा के खवावय डोकरी
खीर सोहारी अउ बरा ला
घर ले निकलिस घुमे बर डोकरा
संगी मन सो बतियावत हे
छोड़ के जम्मो दुःख पीरा ला
संगवारी करा सुख पावत हे
संझिया कुन घर आ के डोकरा
अपन कुरिया म बइठे हे
नाती नतरा मन टीवी देखत हे
अउ बहू के मुँह ह अइठे हे
रतिहा कुन खा पी के डोकरा
सोये दसना म सुते हे
अउ अपन मन में सोचत हे
मोर दिन कब पुरे हे मोर दिन कब पुरे हे
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रचनाकार
रोशन पैकरा "मयारू"